सरकारी योजना: 1.5 लाख जमा कराएं, पाएं 42 लाख


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्या समृदि्ध योजना (एसएसवाई) लॉन्च की गई। इस योजना के अंतर्गत बेटियो के लिए 1.5 लाख रूपए प्रति वर्ष जमा करवाने पर 11 साल बाद ये राशि 28.89 लाख रूपए हो जाएगी। वहीं 5 साल की उम्र में अपनी लाडली के लिए इस योजना में हर साल 1.5 लाख रूपए निवेश करने पर ये राशि 42.88 लाख हो जाएगी। सरकार द्वारा संचालित सभी कल्याण योजनाओं में एसएसवाई सबसे बेहतर है, क्योंकि इसमें 9.1 फीसदी ब्याज दिया जाता है। इससे पहले सबसे ज्यादा ब्याज देने वाली पीपीएफ में ब्याज दर 8.7 फीसदी है। जो एसएसवाई से 0.40 फीसदी कम है। इसलिए एसएसवाई पीपीएफ से ज्यादा बेहतर है। एसएसवाई में आपकी राशि दोगुनी 42.88 लाख हो जाती है। एसएसवाई के तहत अकाउंट किसी भी पोस्ट ऑफिस या पब्लिक सेक्टर बैंक (सरकारी बैंक) में खोला जा सकता है। इसके लिए बैंक में मिनीमम 1,000 रूपए और अधिक तम 1.5 लाख 14 साल तक हर साल जमा करवाने होते हैं। पैरेंट्स अधिकतम दो बेटियों का अकाउंट खुलवा सकते हैं, लेकिन दोनों अकाउंट को जोड़कर कुल निवेश 1.5 लाख से ज्यादा नहीं कर सकते हैं। हालांकि जुड़वां बेटियां होने की स्थिति में संबंधित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर तीसरा खाता भी खुलवाया जा सकता है।सरकारी बैंकों जैसे इलाहबाद बैंक, आंध्र बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक, देना बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में इस योजना के अंतर्गत खाता खुलवाया जा सकता है। एसएसवाई के अंतर्गत पैरेंट्स अपनी 10 साल की बेटी के लिए 1.5 लाख प्रति वर्ष जमा करवाते हैं तो 11 साल बाद जब उनकी बेटी 21 साल की हो जाएगी, तब उनकी ये राशि 28.89 लाख हो जाएगी। वहीं अगर 5 साल की उम्र में अपनी लाडली के लिए इस योजना में हर साल 1.5 लाख रूपए निवेश करते हैं तो 14 साल बाद जब बेटी 19 साल की हो जाएगी, तब आपकी राशि करीब दोगुने से भी ज्यादा 42.88 लाख हो जाएगी। पैरेंट्स बेटी के 18 साल के होने या उसकी शादी होने पर 50 फीसदी रकम निकाल सकते हैं।इस योजना के तहत मिली राशि को बेटियों की पढ़ाई और शादी के लिए खर्च किया जा सकता है। अगर आपकी बेटी ने योजना शुरू होने के एक साल पहले ही 10 वर्ष की हो गई है, तो भी आप उसके लिए खाता खुलवा सकते हैं। बेटी के 10 साल की आयु पूर्ण करने से पहले खाते का संचालन अभिभावक ही करेंगे, लेकिन इसके पश्चात स्वर्य खाताधारक बालिका भी खाते का संचालन अपने हाथ में ले सकेगी। 

1 comment:

  1. great job about many scheme in haryana about girl
    but many people dont know about scheme completely
    so please all sceme of haryana about girls child distribute to all school in haryana and it should complsery that inform to all new students parents that how can they can take benifit to this scheme
    pls do some thing more about advrtisement of haryana girls birth scheme
    thanks

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