हरियाणा के सरकारी स्कूलों से हटा दिए जाएंगे 4073 गेस्ट टीचर कोर्ट में सरकार ने झूठे आंकड़े पेश किए


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हरियाणा के सरकारी स्कूलों से हटा दिए जाएंगे 4073 गेस्ट टीचर
कोर्ट में सरकार ने झूठे आंकड़े पेश किए : राजेंद्र
गेस्ट टीचर्स संघ के प्रदेशाध्यक्ष का आरोप है कि हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने बार-बार झूठे आंकड़े पेश किए, जिससे अदालत को गेस्ट टीचरों के खिलाफ फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि यदि कोर्ट को सजा सुनानी है तो सरकार को सुनाए, जिसने अपने चुनावी एजेंडे में उन्हें एक कलम से नियमित करने की बात कही थी।
ठप हो सकती है स्कूलों में पढ़ाई
प्रदेश के सरकारी स्कूलों से कंप्यूटर टीचर और कंप्यूटर लैब सहायक पहले ही बाहर हैं और विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर शिक्षा लगभग ठप हो चुकी है। अब गेस्ट टीचरों के भी आंदोलन पर उतर आने के बाद प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों पर इसका असर पड़ सकता है। प्रदेश में सैकड़ों स्कूल ऐसे भी हैं, जहां इस समय केवल गेस्ट टीचर ही कार्यभार संभाल रहे हैं।
आश्वासनों में उलझे टीचर
कांट्रैक्ट टीचरों को नियमित किए जाने की मांग पर प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रही है, वहीं इनेलो ने भी गेस्ट टीचरों, कंप्यूटर टीचरों और लैब सहायकों का पक्ष लिया है। दूसरी ओर, आंदोलनरत टीचर सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा रहे हैं। कंप्यूटर टीचरों ने तो हाल में कई फोटो भी जारी किए, जिसमें विस चुनाव से पहले जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान रामबिलास शर्मा समेत कई नेताओं को टीचरों के साथ बैठा दिखाया गया है। टीचरों का आरोप है कि भाजपा ने चुनाव से पहले उनसे वादा किया था कि सरकार बनते ही उन्हें नियमित कर दिया जाएगा, लेकिन अब भाजपा अपने वादे से मुकर रही है।
कंप्यूटर टीचर और लैब सहायक भी हैं सड़कों पर
गेस्ट टीचरों ने आंदोलन शुरू कर दिया है, लेकिन उनसे पहले सरकारी स्कूलों के कंप्टूयर टीचर और कंप्यूटर लैब सहायक इस साल के आरंभ से ही शिक्षा विभाग के सामने धरने पर बैठे हैं। हुड्डा सरकार के कार्यकाल में कांट्रैक्ट पर भरती किए गए यह लोग भी सरकार से नियमित नौकरी की मांग कर रहे हैं। 2852 कंप्यूटर टीचरों की सेवाएं शिक्षा विभाग द्वारा इन्हें काम पर रखने वाली कंपनियों का अनुबंध रद्द किए जाने के साथ ही समाप्त हो गई हैं, जबकि 2622 लैब सहायकों का एक साल का कांट्रैक्ट बीते माह समाप्त होने पर शिक्षा विभाग ने उन्हें हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। कंप्यूटर टीचर जनवरी माह से और लैब सहायक मार्च महीने से शिक्षा सदन के बाहर धरने पर बैठे हैं। खास बात यह भी है कि दोनों को ही मुख्यमंत्री खट्टर सहित राज्य के कई मंत्री लगातार आश्वासन दे रहे हैं, जिसके चलते इनका मामला भी सरकार के लिए ब़ड़ी समस्या बनने की आशंका है। लैब सहायकों ने अब आमरण अनशन को ऐलान कर दिया है, जबकि कंप्यूटर टीचर सोमवार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
हुड्डा सरकार ने किए थे
15698
गेस्ट टीचर भर्ती
राहगीरों को रोककर की शू पॉलिश
4 हजार 560 पोस्ट कार्ड भेजे
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने बताया कि गेस्ट टीचरों ने अब मोदी से नियमित करने की गुहार लगाई है। मोदी के नाम 4560 पोस्ट कार्ड भेज घोषणा पत्र में किया वादा पूरा कर नियमित करने की मांग की है ताकि वादा पूरा कर 16 हजार परिवारों के मुंह का निवाला छीनने से बचाएं।
करनाल(ब्यूरो)। रोजगार को बचाने के लिए पिछले 8 दिनों से करनाल के सेक्ट-12 में महापड़ाव डाले प्रदेश के गेस्ट टीचर्स ने महापड़ाव के 8वें दिन रोष प्रकट करने का नायब तरीका अपनाया।
शुक्रवार को महिला गेस्ट अध्यापकों सहित पुरुषों ने सड़कों पर उतरकर राहगीरों को रोक-रोककर उनके जूतों पर पॉलिश की और सरकार को गांधीगिरी के जरिए अपना संदेश भेजा। इस दौरान राहगीर भी अतिथि अध्यापकों के सामने हाथ जोड़ते दिखाई दिए। कई राहगीर तो महिलाओं को देखकर जूतों पर हाथ न लगाने का अनुरोध करते दिखे तो कुछ अज्ञानता वश फंस गए और महिलाओं ने नि:संकोच उनके जूतों पर पॉलिश कर डाली। साथ ही अतिथि अध्यापकों ने पीएम मोदी के नाम हजारों पोस्ट कार्ड भेजकर नियमित करने की गुहार भी लगाई।
17 को होगी आरपार की लड़ाई
धरने के आठवें दिन संघ के नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी 17 मई को गेस्ट टीचर अपने परिजनों व प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र शास्त्री व राज्य कार्यकारिणी के सदस्य सुभाष राविश, कुलदीप झरोली, सतपाल शर्मा व शशि भूषण आदि ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 17 मई तक सरकार ने गेस्ट टीचरों की सुध नहीं ली तो वो अपने परिजनों सहित आर पार की लड़ाई लड़ने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि यदि अब गांधीगीरी से बात नहीं बनी तो वह भगत सिंह बनने के लिए विवश हो जाएंगे।
मां ने ढक लिया बच्चों को आंचल से
सरकार के साथ-साथ इन्द्र देवता ने भी ली गेस्ट टीचरों की परीक्षा ले रहे हैं। बुधवार के बाद शुक्रवार को इंद्रदेव ने भी परीक्षा ली। लेकिन टीचर बूंदाबांदी, तेज हवाओं में शुक्रवार को भी विचलित नहीं हुए। महापड़ाव में डटे रहे।
कई संगठनों ने बढ़ाया हौसला
आंदोलन के दौरान आम जनता की सहानुभूति भी उनसे जुड़ गई है। समर्थन में एसएमसी, पंचायतों, साक्षर समूह व जनता के द्वारा भेजी गई हस्ताक्षरों की प्रतियां मिलनी शुरू हो गई हैं।
न्यूज डायरी
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हर्ष कुमार सलारिया
चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 4073 गेस्ट टीचर नौकरी में कुछ दिन के ही मेहमान रह गए हैं। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में कह दिया है कि वह 27 मई से पहले इन गेस्ट टीचरों को हटा देगी। दरअसल, राज्य सरकार ने ही अदालत में कह दिया था कि इतने टीचर सरप्लस हैं और बच्चों को पढ़ाने में भी अयोग्य हैं। सरकार के इसी जवाब पर हाईकोर्ट ने इतने गेस्ट टीचरों को हटाने का आदेश दे दिया है। अब उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिन में ही हटाए जाने वाले गेस्ट टीचरों के नाम भी सार्वजनिक तौर पर घोषित कर दिए जाएंगे। हालांकि, अदालती फैसले के बाद सरकार ने नौकरी बचाने का कोई रास्ता निकालने की बात भी कही है।
उधर, करनाल में गेस्ट टीचरों ने नौकरी बचाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। उनके समर्थन में राज्य कर्मचारी संघ और राज्य रोडवेज कर्मचारी संघ भी मैदान में उतर आए हैं। गेस्ट टीचर भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं और विपक्षी दलों कांग्रेस व इनेलो को भी मुद्दा मिल गया है। आशंका यही है कि प्रदेश में अगले कुछ महीने टीचर आंदोलनों की आग में झुलसेंगे और इस साल सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई चौपट हो सकती है।

हरियाणा में वर्ष 2005-06 के दौरान जब सरकारी स्कूलों में टीचरों की कमी का मामला गरमाया तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने गेस्ट टीचरों की नियुक्ति का फैसला लिया। हालांकि, 15698 गेस्ट टीचरों को भरती करते समय ही सरकार ने कांट्रैक्ट भी साइन करा लिया था कि उनकी नियुक्ति केवल एक साल के लिए की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर इस अवधि को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया था कि किसी भी स्थिति में गेस्ट टीचरों को नियमित नहीं किया जाएगा। इस तरह कुल मिलाकर गेस्ट टीचरों को अधिकतम दो साल के लिए भरती किया गया था।
इसके बाद हुड्डा सरकार ही गेस्ट टीचरों को हटाना भूल गई और लगातार काम पर बने रहते हुए गेस्ट टीचरों ने भी नियमित किए जाने की मांग शुरू कर दी। इस मांग को लेकर प्रदेश में गेस्ट टीचरों की तीन यूनियन बन गई, जिसने समय-समय पर नियमित किए जाने की मांग को लेकर राज्य भर में आंदोलन भी किए। हुड्डा सरकार ने गेस्ट टीचरों को न तो काम से हटाया और न ही प्रदेश में नियमित टीचरों की भरती ही की गई। गेस्ट टीचरों को अपनी मांग पर जोर देने का एक मौका वर्ष 2014 में मिला, जब हुड्डा कैबिनेट ने प्रदेश में 10 साल तक नौकरी कर चुके कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बनाई। इस नीति का लाभ गेस्ट टीचरों को भी मिलना था, जो दिसंबर 2015 में अपने कार्यकाल के दस साल पूरे करने वाले हैं, लेकिन प्रदेश में अब नई सरकार ने पूर्व सरकार की नीति को रिव्यू में डाल दिया है। यानी दस साल नौकरी कर चुके कर्मचारी भी फिलहाल खट्टर सरकार पक्के नहीं करने जा रही। ऐसे में वर्ष 2005-06 के दौरान नौकरी पर लगे गेस्ट टीचर इस साल दिसंबर में दस साल पूरे करने के बाद भी पक्के नहीं किए जाएंगे।
हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन जरूरी है। फिर भी गेस्ट टीचरों के लिए उपाय किए जा रहे हैं। उन्हें बेरोजगार नहीं होने देंगे।
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रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री
हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार ने नहीं दिया गेस्ट टीचरों का साथ
हरियाणा के 15698 गेस्ट टीचरों को हटाए जाने की मांग सबसे पहले हरियाणा पात्र शिक्षक संघ ने उठाई थी। उस समय प्रदेश में हुड्डा सरकार थी, लेकिन सरकार द्वारा सहयोग न किए जाने पर पात्र शिक्षक संघ हाईकोर्ट पहुंच गया। अध्यापक पात्रता परीक्षा पास कर चुके युवाओं के इस संघ ने मांग उठाई कि राज्य सरकार गेस्ट टीचरों को हटाकर अध्यापकों की नियमित भरती करे। हाईकोर्ट में सरकार अपने बचाव में सफल रही तो पात्र शिक्षक संघ मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को ग्यारह महीने में अध्यापकों की नियमित भरती करने का आदेश दिया, जिस पर हुड्डा सरकार ने राज्य शिक्षक बोर्ड का गठन करके पीजीटी, जेबीटी टीचरों की भरती भी की, लेकिन गेस्ट टीचरों को हटाने या नियमित करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया और गेस्ट टीचर नौकरी में बने रहे।
वर्ष 2014 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद गेस्ट टीचरों का मामला फिर गरमाया जब गेस्ट टीचरों की तीनों यूनियनों ने एक बैनर तले आकर सरकार से नियमित किए जाने की मांग शुरू कर दी। इस बीच अतिरिक्त गेस्ट टीचरों का मुद्दा उठाते हुए कई याचियों ने हाईकोर्ट से नियमित भर्ती की अपील फिर की। एक याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में यह भी जानकारी दी कि अतिरिक्त गेस्ट टीचरों को नौकरी से नहीं हटाए जाने के कारण प्रदेश सरकार को हर महीने 8 करोड़ 55 लाख 33 हजार रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है। हाईकोर्ट में जारी इस मामले पर प्रदेश सरकार ने हलफनामा दाखिल कर साफ कर दिया कि राज्य सरकार गेस्ट टीचरों को हटाने की तैयारी कर रही है। सरकार के इस रवैये के खिलाफ प्रदेश में गेस्ट टीचरों ने आंदोलन छेड़ दिया तो सरकार ने स्थिति संभालने के लिए अदालत में टालमटोल की स्थिति अपना ली, लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं चल सका और अवमानना के मामले में आखिरकार राज्य सरकार को अदालत के सामने गेस्ट टीचरों को हटाने की तिथि बताई पड़ी, जो 27 मई तक है

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